India’s Record in Olympics ! Is the graph showing upward trend?
अब तक कैसा रहा है ओलंपिक में भारत का रिकॉर्ड ?
शोर और तैयारी में तो कोई कमी नहीं पर रिकॉर्ड कितना बदलेगा? एक और ओलंपिक और एक बार फिर से ऐसा लग रहा है कि ये भारत के लिए आज तक के सबसे कामयाब ओलंपिक साबित होंगे। क्या है भारत का ओलंपिक में रिकॉर्ड ?
टोकियो में 33 खेलों की कई इवेंट का आयोजन हो रहा है। भारत ने अब तक सिर्फ 22 अलग अलग खेलों की इवेंट्स में ही हिस्सा लिया है और कुल 28 मैडल जीते।
कई जानकार मानते हैं कि 1900 पेरिस खेलों में (नॉर्मन प्रिचर्ड की वजह से) पहली बार भारत ने ओलंपिक में हिस्सा लिया पर ये विवाद का मुद्दा है। सही मायने में भारत 1920 एंटवर्प ओलंपिक से नियमित हिस्सा ले रहा है। स्वतंत्र भारत का पहला मैडल 1948 लंदन खेलों में हॉकी का गोल्ड था और पहला व्यक्तिगत गोल्ड 2008 बीजिंग में अभिनव बिंद्रा ने हासिल किया। एक नज़र उन सभी खेलों पर जिनमें भारत ने ओलंपिक में हिस्सा लिया : 1. तीरंदाजी (आर्चरी) : 1988 के सियोल ओलंपिक में भारत ने पहली बार हिस्सा लिया। अभी तक कोई मैडल नहीं। 2. एथलेटिक्स :ये उन 5 खेल में से एक जिनकी इवेंट्स हर ओलंपिक में हुईं और भारत ने भी हर ओलंपिक में एथलेटिक्स के किसी न किसी इवेंट में हिस्सा लिया है। एथलेटिक्स में दो सिल्वर,1900 पेरिस खेलों में नॉर्मन प्रिचर्ड की बदौलत आए। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह और पीटी उषा मैडल जीतते – जीतते रह गए।
3. बैडमिंटन : 1992 से हर ओलंपिक में हिस्सा लिया है। दो मैडल जीते – 2012 लंदन खेलों में साइना नेहवाल ने ब्रॉन्ज़ और रियो डी जनेरियो के अगले ओलंपिक में पीवी सिंधु का सिल्वर।
4. बास्केटबॉल : भारत की भागीदारी 1980 के मास्को खेलों के दौरान हुई। कोई मैडल नहीं।
5. साइकिलिंग : भारत ने 1948 लंदन खेलों के दौरान ओलंपिक के लिए अपनी पहली टीम भेजी और तब से दो और ओलंपिक- 1952 हेलसिंकी और 1964 टोकियो में हिस्सा लिया।
6. गोताखोरी (डाइविंग) : सिर्फ एक बार ओलंपिक डाइविंग में हिस्सा ले चुका है। 1964 टोकियो ओलंपिक में सोहन सिंह और अनुसूया प्रसाद ने क्रमशः प्लेटफार्म और स्प्रिंगबोर्ड इवेंट में बिना मैडल प्रतिनिधित्व किया।
7. मुक्केबाज़ी (बॉक्सिंग) : 1972 म्यूनिख खेलों के दौरान भारत ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया- चंदर नारायणन एकमात्र भारतीय मुक्केबाज थे। दो ओलंपिक मैडल जीते हैं – विजेंदर सिंह और मैरी कॉम के क्रमशः 2008 बीजिंग और 2012 लंदन खेलों में ब्रॉन्ज़।
8. घुड़सवारी (इक्वेस्ट्रियन) : 1996 अटलांटा खेलों के दौरान पहली बार हिस्सा लिया था – विंग कमांडर आईजे लांबा पहले और इम्तियाज अनीस देश का प्रतिनिधित्व करने वाले दूसरे घुड़सवार बने। कोई मैडल नहीं।
9. फ़ुटबॉल : 1948 लंदन खेलों के दौरान भारत ने ओलंपिक के लिए अपनी पहली फुटबॉल टीम भेजी थी।1952,1956 और 1960 हिस्सा लिया। सबसे बेहतर प्रदर्शन – 1956 मेलबर्न में सेमीफाइनल।
10. गोल्फ़ : 2016 के रियो डी जनेरियो खेलों के दौरान ओलंपिक में गोल्फ की वापसी पर हिस्सा लिया। कोई मैडल नहीं।
11. जिम्नास्टिक: 2016 के रियो डी जनेरियो ओलंपिक में ही पहली बार क्वालीफाई किया। दीपा करमाकर ओलंपिक में पहली भारतीय जिमनास्ट – अपनी इवेंट में चौथे नंबर पर।
12. हॉकी : भारत ओलंपिक में सबसे सफल हॉकी टीम। कुल 11 मैडल – 8 गोल्ड, एक सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज़।
13. जूडो : कोई मैडल नहीं पर 1992 बार्सिलोना के बाद से इसमें हिस्सेदारी ख़ास बात है।
14. रोइंग : 2000 सिडनी खेलों के दौरान पहली बार हिस्सा लिया – तब से हर ओलंपिक में हिस्सा लिया है- बिना मैडल।
15. सेलिंग : 1972 म्यूनिख ओलंपिक से कोई मैडल नहीं । अब पहली बार ऐसा होगा जब ओलंपिक में सेलिंग की कई इवेंट में हिस्सा लेंगे।
16. शूटिंग: 1952 हेलसिंकी से शुरूआत और तब से हिस्सा ले रहे हैं – 4 मैडल जीते ( एक गोल्ड , दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज़)।
17. तैराकी : 1948 लंदन खेलों के दौरान पहली बार हिस्सा लिया। तब से कोई पोडियम फिनिश नहीं । 18. टेबल टेनिस : 1988 सियोल खेलों से हिस्सा लिया है लेकिन कोई मैडल नहीं।
19. टेनिस: 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक से हर ओलंपिक में हिस्सा लिया – 1996 में अटलांटा में लिएंडर पेस ने ब्रॉन्ज़ जीता। 20. वाटर पोलो: 1948 लंदन और 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में बिना मैडल जीते हिस्सा लिया ।
21. वेटलिफ्टिंग :1936 बर्लिनसे लगातार हिस्सा ले रहे हैं। तब भीसिर्फ एक ओलंपिक मैडल – 2000 सिडनी में कर्णम मल्लेश्वरी का ब्रॉन्ज़।
22. कुश्ती : 1920 एंटवर्प खेलों से शुरूआत। कुल 5 मैडल – एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज़। इस बार गिनती 23 हो जाएगी – फेंसिंग में भवानी देवी की बदौलत ।
– चरनपाल सिंह सोबती
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