
एथलेटिएक ट्रैक पर गोल्ड जीतने वाला ये एथलीट, कामयाब ड्रमर भी है
सुरसजाई स्टेडियम, गुवाहाटी, असम में 36 वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन हुआ जिसमें अंडर -14, 16, 18 और अंडर -20 लड़कों और लड़कियों ने हिस्सा लिया। इसमें कोई शक नहीं कि असम ने खेलों को हर तरह का बढ़ावा दिया है और असम को भारत की स्पोर्ट्स केपिटल बनाने के लिए राज्य सरक़ार कोशिश कर रही है। इस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1,637 लड़के और लड़कियों ने हिस्सा लिया। भोपाल में अंडर -20 फेडरेशन कप जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर एथलीट यहाँ भी आए थे। सुनील डावर (मध्य प्रदेश) और अंकिता ध्यानी (उत्तराखंड), जिन्होंने भोपाल में क्रमशः पुरुषों और महिलाओं के 1,500-5,000 मी डबल हासिल किए और तमिलनाडु के ट्रिपल जंपर प्रवीण चित्रवेल पर ख़ास तौर पर हर किसी की नज़र थी। इस साल अगस्त में नैरोबी में वर्ल्ड एथलेटिक्स U20 चैंपियनशिप और अक्टूबर में कुवैत में चौथी अंडर-18 एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप को देखते हुए इस चैंपियनशिप का महत्व और भी ज्यादा था।
यूं तो कई नाम चमके इस चैंपियनशिप के दौरान पर इनमें से अभिन भास्कर देवाडिगा का ख़ास तौर पर जिक्र जरूरी है।चैंपियनशिप के दौरान उन्हें एक नया नाम मिला – ड्रमर देवडिगा का। एथलेटिक्स ट्रैक पर कर्नाटक के उडुपी जिले के अभिनव भास्कर देवाडिगा ने U20 200 मीटर के नेशनल रिकॉर्ड को 0.14 सेकंड के अंतर से तोड़ा और गोल्ड जीता – टाइमिंग थी 21.34 सेकंड।जनवरी के आखिरी हफ्ते में भोपाल में जूनियर फेड कप में जीत के बाद इस 19 वर्षीय के एथलीट ने 15 दिन के अंदर दूसरा नेशनल स्तर का गोल्ड जीता।100 और 200 मीटर के इस माहिर ने इन दो चैंपियनशिप में कुल 4 नेशनल मैडल (दो गोल्ड + दो सिल्वर) हासिल किए हैं।
देवाडिगा की एक और पहचान ये है कि वे शानदार ड्रमर हैं – ट्रैक हो या ड्रम ,वे थिरकते हैं।बी-कॉम के दूसरे साल में पढ़ रहे इस संगीतकार-एथलीट ने सिर्फ 6 साल की उम्र में ड्रम बजाना शुरू कर दिया था।अपने टीचर के बैंड – रिदम म्यूजिक ग्रुप के साथ देश भर में म्यूजिक प्रोग्राम में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था – 8 साल की उम्र में।’म्यूजिक प्ले के लिए’ सबसे कम उम्र के ड्रमर के तौर पर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज़ कराया।म्यूजिक प्रोग्राम, शादियों में बैंड और साथ में पढ़ाई। वहीं फुर्सत में दौड़ने में अपना हाथ आजमाया और वे कहते हैं – ड्रम बजाने के दौरान लय में आने से मुझे दौड़ने में मदद मिली।
अगस्त में नैरोबी U20 वर्ल्ड्स के लिए देवाडिगा का गोल्ड टाइमिंग क्वालीफिकेशन मार्क (21.38) के अंदर है पर गड़बड़ ये है कि इवेंट से दो दिन वे 20 साल के हो जाएंगे।ये U20 चैंपियनशिप 2020 में होनी थी लेकिन कोविड के कारण हुई नहीं और इस साल वे इसके लिए क्वालीफाई नहीं करते ।
देवाडिगा के पिता एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर हैं, माँ गृहिणी।ये नौजवान एथलीट म्यूजिक प्रोग्राम में ड्रम बजाकर जो पैसा कमाता था उसमें भी कोविड के कारण झटका लग गया है। इसलिए अब देवाडिगा का पूरा ध्यान एथलेटिक्स पर है, जबकि ड्रम की प्रैक्टिस जारी है।उन्हें इन दोनों में से क्या ज्यादा पसंद है, ये पूछे जाने पर वे कहते हैं – ‘ म्यूजिक के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं। एथलेटिक्स एक मुकाबला है और जीत और मैडल जरूरी हैं जबकि म्यूजिक में हर कोई विजेता है। मुझे दोनों बराबर पसंद हैं।” किसी ने ठीक कहा – जहाँ सही इरादा हो, कामयाबी जरूर मिलेगी।
– चरनपाल सिंह सोबती