
जो आज तक नहीं हुआ इस सीजन में हो रहा है – 87 साल में पहली बार नहीं रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहे !
BCCI पहली बार देश के प्रमुख प्रथम श्रेणी घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं कर रहे – सीजन के बचे दिनों में विजय हजारे ट्रॉफी – आईपीएल टीमों की मदद के लिए (उसी ग्रुपिंग और बायो-बबल में जिसमें सैयद मुश्ताक अली टी 20 टूर्नामेंट खेले), अंडर19 नेशनल वन डे टूर्नामेंट वीनू मांकड़ ट्रॉफी (U-19 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए) और महिला राष्ट्रीय 50-ओवर टूर्नामेंट (वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए) खेलेंगे ।
रिपोर्ट तो ये थी कि BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली रणजी ट्रॉफी का आयोजन चाहते थे क्योंकि जो सिर्फ घरेलू क्रिकेट खेलते हैं उनके लिए मैच फीस के नज़रिए से भी ये बड़ा जरूरी टूर्नामेंट है – प्रति मैच लगभग 1.5 लाख रुपये फीस मिलती है पर लंबे बायो बबल की मुश्किल में रणजी ट्रॉफी संभव नहीं थी।4+ दिनों की अवधि के 150 से अधिक मैचों के साथ (4-दिवसीय मैचों की लीग में 38 टीम) इसे कुछ हफ्तों में पूरा नहीं किया जा सकता था और इतने सारे प्रोटोकॉल को निभाना आसान नहीं।बहरहाल बोर्ड ने फैसला लिया है कि खिलाड़ियों को मुआवजा दिया जाएगा – कैसे ये अभी तय होना है।
इस तरह इतिहास बन रहा है और 1934 के बाद से भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं किया जाएगा। यहाँ तक कि वर्ल्ड वॉर 2 (1940-45) ने भी रणजी ट्रॉफी को नहीं रोका – उन सालों में भारत एकमात्र ऐसा देश था जिसने अपनी राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप आयोजित की। इस तरह युद्ध से बड़ा खतरा बन गया कोविड !ये तो तय है कि हर कोई इस फैसले को सही नहीं कह रहा। रणजी ट्रॉफी हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए – इंटरनेशनल क्रिकेट से भी ज्यादा। बोर्ड आईपीएल 2021 का आयोजन नहीं रोक रहा – सभी जानते हैं कि कामयाब आईपीएल की कमाई जरूरी है।
1892 में शुरू होने के बाद से, भारतीय घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट सीजन में इससे पहले सिर्फ 1930-31 से 1931-34 सीजन में (सिविल डिसओबिडिएंस के कारण) प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेली गई थी। इंग्लैंड को 1930-31 में टेस्ट मैचों के लिए एमसीसी टीम को भारत भेजना था, लेकिन इसी वजह से वह टूर भी रद्द कर दिया गया था।रणजी तो रद्द हो गई पर दलीप और ईरानी की कोई चर्चा नहीं। सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है कि अब इनके लिए दिन कहाँ हैं ?