
मैच नहीं तो कोविड के लिए दुनियाभर के स्टेडियम ने अपने दरवाज़े खोल दिए भले ही भारत में कोविड महामारी से पीड़ित की गिनती गिरी है पर ये कहना कतई सही नहीं होगा कि दुनिया इसकी चपेट से बाहर आ गई। कोविड का असर खेलों पर भी आया और स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सूने पड़े हैं महीनों से। इसका मतलब ये नहीं कि कोविड की इस आपदा से निपटने में ये स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स काम नहीं आए। अगर वर्ल्ड वॉर के दौरान इंग्लैंड के क्रिकेट स्टेडियम जेल या छावनी कैंप में बदले गए तो इस बार स्टेडियम ने आइसोलेशन सेंटर तथा हॉस्पिटल बनाने के लिए अपने दरवाज़े खोले। अब स्टेडियम वेक्सीन सेंटर में बदले जा रहे हैं। इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट के लॉर्ड्स और एजबेस्टन ने तो कोविड वेक्सीन सेंटर के तौर पर काम भी शुरू कर दिया है और यहाँ हर रोज़ सैकड़ों को वेक्सीन दी जा रही है।लंदन में लॉर्ड्स सबसे बड़ा वेक्सीन सेंटर है।लॉर्ड्स का जिक्र करते हुए जिन बातों को लिखा जाता है उस लिस्ट में इस योगदान का भी हमेशा जिक्र होगा। नॉर्थम्बरलैंड में एनविक क्रिकेट क्लब और एशिंग्टन क्रिकेट क्लब भी पीछे नहीं रहे। सेंट लॉरेंस,कैंटरबरी में स्पिटफायर ग्राउंड भी वेक्सीन सेंटर के तौर पर काम कर रहा है। स्टेडियमों को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की शुरूआत सबसे पहले चीन ने की। ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील सहित कई देशों ने फिर ऐसा ही किया। पाकिस्तान में हैदराबाद के ऐतिहासिक नियाज़ क्रिकेट स्टेडियम में 250 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया क्योंकि सिंध में कोरोनोवायरस के मामलों की गिनती लगातार बढ़ रही थी। न्यूयॉर्क में 42 एकड़ के यूएसटीए के बिली जीन किंग नेशनवाइड टेनिस सेंटर को कोविड हॉस्पिटल में बदल दिया गया है। रिकॉर्ड बताता है कि भारत में भी इस महामारी के दौरान सही जगह और बिस्तर की कमी देखी गई। ऐसे में भारत के स्टेडियम भी पीछे नहीं रहे। देखिए : * स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एमओयू किया कि जरूरत में सभी क्रिकेट स्टेडियम कोविड की खिलाफ लड़ाई के लिए उपलब्ध होंगे। * कोलकाता में हावड़ा का नया बना इनडोर डुमुरजला स्टेडियम 150-बेड वाले क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया। * तेलंगाना के गाचीबोवली स्टेडियम को विदेशों से भारत आने वालों के लिए क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया। * असम में, लगभग 1,000 लोगों को रखने की क्षमता वाले सरसजाई स्टेडियम को क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया। असम क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट के बारसापारा स्टेडियम (डॉ. भूपेन हजारिका क्रिकेट स्टेडियम) को भी जरूरत पड़ने पर क्वारंटीन सेंटर में बदलने की सहमति दी। * हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के दरवाज़े आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए खोल दिए। * क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पांडिचेरी ने पुडुचेरी में एक क्वारंटीन सेंटर के तौर पर अपने टुटिपेट कैंपस के एक हॉस्टल को दे दिया। * मुंबई में वर्ली में नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया को अस्थायी आइसोलेशन और डायग्नॉस्टिक्स और रिसर्च सेंटर में बदल दिया। जो एनएससीआई डोम मनोरंजन के लिए सेंटर था कोविड में काम आया। * दिल्ली सरकार ने प्रगति मैदान, तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, त्यागराज इंडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम को हॉस्पिटल के तौर पर तैयार करा दिया था। * SAI ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को आइसोलेशन सेंटर में बदल दिया था। SAI ने उससे पहले अपने सोनीपत ट्रेनिंग सेंटर को हॉस्पिटल में बदल दिया था और 120 बेड उपलब्ध कराए । * ईडन गार्डंस में इनडोर सुविधा और खिलाड़ियों की डोरमेटरी को 500 बेड के क्वारंटीन सेंटर के लिए दे दिया। इसे कोविड प्रभावित पुलिस स्टाफ के लिए प्रयोग किया गया। वे डुमरजोला स्टेडियम में 120 बेड का सेंटर कोलकाता पुलिस के लिए पहले ही बना चुके थे पर जगह कम पड़ रही थी। * मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम को भी क्वारंटीन सेंटर में बदलना तय हो गया था पर बाद में जब ये देखा गया कि स्टेडियम के ग्राउंड का आधार कीचड़ वाली मिट्टी है और मानसून के लिए उपयोगी नहीं होगा – तो ये इरादा छोड़ दिया। – चरनपाल सिंह सोबती
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