एक रिकॉर्ड जो किसी भी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं
क्रिकेट में एक गेंदबाज़ 50 विकेट भी पूरे कर ले तो खबर सुर्ख़ियों में छप जाती है और चारों ओर उसकी चर्चा होती है। भारत की एक महिला ने पिछले दिनों (जबकि कोविड के कारण खेल रुके से पड़े हैं, तब भी) एक बड़ा ख़ास रिकॉर्ड बनाया पर क्रिकेट का मुकाबला कहाँ ?
34 साल की जोशना चिनप्पा, 400 पीएसए टूर स्क्वैश मैच खेलने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। इन दिनों की दूसरी चर्चित खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल 300 मैच के करीब हैं जबकि इंग्लैंड की एलिसन वाटर्स (487) और केमिली सेर्मे (फ्रांस, 439) टॉप पर हैं ।
जोशना चिनप्पा ने काहिरा (मिस्र) में CIB-Black Ball Squash Open में खेलते हुए ये ख़ास रिकॉर्ड हासिल किया। ये रिकॉर्ड बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी और कुल दूसरी खिलाड़ी बनीं। सिर्फ सौरव घोषाल (444) ने जोशना से ज्यादा मैच खेले हैं।लगभग 6 महीने में अपना पहला टूर्नामेंट खेल रही जोशना और क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई थीं।
पिछले कुछ सालों में भारतीय महिलाओं ने जिन कुछ खेलों को लोकप्रियता दिलाई हर दायरा पार करते हुए, स्क्वैश उनमें से एक है। इनमें से एक ख़ास नाम जोशना चिनप्पा का है।उन्हें पहली बार 2003 में चर्चा मिली जब अंडर19 में शेफील्ड, यू.के. में ब्रिटिश स्क्वैश चैम्पियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय लड़की बनीं। सबसे कम उम्र की भारतीय महिला राष्ट्रीय चैंपियन भी बनीं।40 कोर मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट से जिस पहले खिलाड़ी को स्पांसरशिप मिली वे जोशना ही थीं। 2004 में अपनी जमीं पर नेशनल जूनियर और सीनियर चैंपियनशिप के साथ-साथ मलेशियाई जूनियर को जीता। 2004 की एशियाई चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़, 2005 में एशियाई जूनियर और ब्रिटिश जूनियर ओपन के टाइटल जीते।
इस कामयाबी का सफर प्रोफेशनल और सीनियर स्क्वैश में भी जारी रखा। मई 2012 में, जोशना ने चेन्नई ओपन जीतने के लिए इंग्लैंड की सारा जेन पेरी को 9-11, 11-4, 11-8, 12-10 से हराया।
2014 के कामनवेल्थ गेम्स में, दीपिका पल्लीकल कार्तिक के साथ चिनप्पा ने डबल्स का गोल्ड जीता। इसी जोड़ी ने इवेंट के 2018 गोल्ड कोस्ट एडिशन में सिल्वर जीता।18 नेशनल टाइटल जीतना कोई मजाक नहीं है।
जोशना इस समय PSA वर्ल्ड रैंकिंग में 11 नंबर पर हैं 448 के औसत टूर्नामेंट अंक के साथ। टॉप तक पहुँचने का मुकाबला कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इजिप्ट की नूर अल शेरबिनी नंबर1 हैं1716 के औसत टूर्नामेंट अंक के साथ। CIB-Black Ball Squash Open में खेलते हुए जोशना एक समय टॉप 10 में आ गई थीं।
इससे पहले वह जुलाई 2016 में वर्ल्ड नंबर10 की करियर रैंकिंग पर पहुंची थीं- टॉप 10 में तब पहली बार आईं थीं। महज तुलना के लिए नई रैंकिंग में भारत के नंबर 1 पुरुष खिलाड़ी सौरव घोषाल विश्व रैंकिंग में नंबर 13 पर हैं औसत 452 अंक के साथ।अगस्त में ही तो तमिलनाडू सरकार ने एकेडमी में ट्रैनिंग की इज़ाज़त दी थी और इतने कम समय में, कई महीने घर बैठने के बाद, टॉप फार्म में लौटना आसान नहीं होता।
जोशना उम्र में 30+ होने के बावजूद फिटनेस और फुर्ती के मामले में भारतीय महिलाओं के सर्किट में किसी भी युवा प्रतिद्वंद्वी से कम नहीं है।वे तो कहती हैं कि उनके लिए स्क्वैश में बहुत कुछ हासिल करना बाकी है और अब लक्ष्य कामनवेल्थ तथा एशियन गेम्स हैं। स्क्वैश एक ओलंपिक खेल नहीं है, इसलिए जोशना के पास टोक्यो का बड़ा सपना नहीं है।वे शिकायत नहीं करतीं पर उनमें से एक हैं जिन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि स्क्वैश ओलंपिक में शामिल होने योग्य खेल क्यों नहीं है?
जोशना भारतीय स्क्वैश के भविष्य को लेकर बड़ी अच्छी उम्मीद लगा रही हैं- “मुझे लगता है कि भारतीय खिलाड़ी स्क्वैश में बड़ा अच्छा कर रहे हैं और ख़ास तौर पर कई जूनियर बहुत अच्छे हैं जो अपनी पहचान बना रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि जूनियर्स इसे आगे बढ़ाएंगे और पेशेवर बनेंगे।”
– चरनपाल सिंह सोबती