IPL 2020 का मुकाबला सामने है।अब जबकि टीमों की ग्राउंड और ग्राउंड के बाहर प्लानिंग बोर्ड पर तैयारी तेजी से चल रही है तो ये सवाल बड़ा ख़ास है कि तैयारी के पीछे कौन कौन सा दिमाग काम कर रहा है? अब किसी भी टीम की मैच की तैयारी में कोच उतने ही ख़ास हैं जितने खिलाड़ी।इसीलिए पेशेवर टी 20 लीग में इन्हें ‘ मॉडर्न चाणक्य ‘ कह रहे हैं।टीम की स्कीम में ये कोच बड़ी ख़ास भूमिका निभाते हैं।
जब IPL 2020 की बात करते हैं तो ये बात नज़रअंदाज़ नहीं हो रही कि खेल रही टीमों में से अभी भी ज्यादातर का भरोसा विदेशी कोच पर क्यों है? जब IPL शुरू हुई थी तो बात अलग थी। भारत में ही कोई ख़ास टी 20 क्रिकेट नहीं खेली जा रही थी तो टीमों का ये नजरिया बिलकुल ठीक था कि विदेशी कोच इस तरह की क्रिकेट में कामयाबी के लिए जरूरी दांव पेंच बेहतर जानते हैं।अब नज़ारा बदल चुका है।इसके बावजूद IPL 2020 की 8 में से 7 टीम ने हैड कोच की ड्यूटी विदेशी कोच को दी। देख लीजिए :
चेन्नई सुपर किंग्स- स्टेफन फ्लेमिंग ( न्यूज़ीलैंड) राजस्थान रॉयल्स – एंड्रू मकडोनाल्ड (ऑस्ट्रेलिया ) रॉयल चेलेंजर्स बंगलूर -सिमोन केटिच (ऑस्ट्रेलिया )
कोलकाता नाइट राइडर्स – ब्रेंडन मकुलम (न्यूज़ीलैंड) मुंबई इंडियंस – महेला जयवर्दने ( श्रीलंका )दिल्ली केपिटल्स – रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया )
सनराइजर्स हैदराबाद – ट्रेवर बेलिस (ऑस्ट्रेलिया )
सिर्फ किंग्स इलेवन पंजाब ने भारतीय अनिल कुंबले को अपना हैड कोच बनाया। संयोग से यह वह IPL टीम है जिसने पिछले 12 सीजन में भी संजय बांगर और वीरेंद्र सहवाग को कोच बनाया पर टीम के टाइटल न जीत पाने के कारण ,कोई भी टीम के साथ ज्यादा नहीं टिका।किंग्स इलेवन ने तो असिस्टेंट कोच भी भारतीय बनाया है और ये ड्यूटी वसीम जाफर को दी।
इस बार अन्य 2 टीम ने भारतीय खिलाड़ियों को असिस्टेंट कोच की ड्यूटी जरूर दी – दिल्ली केपिटल्स ने मोहम्मद कैफ और राजस्थान रॉयल्स ने अमोल मजूमदार को। BCCI के पास ये मसला पहले भी आ चुका है कि चूंकि IPL उनका अपना टूर्नामेंट है तो भारतीय कोच को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले।अगर IPL टीम भारतीय कोच में विश्वास नहीं दिखाएंगी तो उन्हें भारत से बाहर बड़े मौके कैसे मिलेंगे? किस तरह से कम हैं लालचंद राजपूत (मुंबई इंडियंस ),रोबिन सिंह (सनराइजर्स हैदराबाद) या वेंकटेश प्रसाद (रॉयल चेलेंजर्स बंगलूर) कि फ्रेंचाइज ने इन पर पूरा विश्वास नहीं दिखाया ?किंग्स इलेवन के क्रिकेटरों के साथ कन्नड़ के अंदाज़ में पंजाबी बोलते अनिल कुंबले अलग ही नज़ारा पेश करते हैं।
-चरनपाल सिंह सोबती