चिंता घरेलू सीजन की क्रिकेट की है, तो जो इस पर निर्भर हैं उनकी भी !
चिंता घरेलू सीजन की क्रिकेट की है, तो जो इस पर निर्भर हैं उनकी भी !
कोविड 19 का प्रकोप शुरू होने से पहले क्रिकेट ने , ख़ास तौर पर भारत में, एक ख़ास माहौल बना लिया था। कहा जाता था कि संतान लड़का हो या लड़की ,जरूरी नहीं कि इंजीनियर या डॉक्टर ही बने – क्रिकेट भी किसी प्रोफेशन से कम नहीं।
जूनियर क्रिकेट से एक के बाद एक टूर्नामेंट और जैसे जैसे आगे बढ़े तो मैच फीस और सुविधाएं भी बढ़ीं। इंटरनेशनल क्रिकेट और IPL तक पहुँच गए फिर तो कहना ही क्या ?
कोविड 19 के बावजूद IPL हो रही है। भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर की भी तैयारी चल रही है यानि कि सीनियर क्रिकेटरों को कोई नुक्सान नहीं हो रहा पैसे का। जो सिर्फ घरेलू क्रिकेट पर निर्भर थे उनका क्या होगा ? 2020- 21 के घरेलू क्रिकेट केलेंडर की तो बात छोड़िए – अभी तो ये भी नहीं मालूम कि कौन कौन सा टूर्नामेंट हो पाएगा इस सीजन में। महत्व के पायदान में जैसे जैसे नीचे आते जाएंगे चिंता बढ़ती जा रही है।अगर क्रिकेट न हो पाई तो क्या होगा ? IPL या ऑस्ट्रेलिया टूर जैसा बायो बबल घरेलू क्रिकेट में बना पाना आसान नहीं , इसीलिए सीजन में घरेलू क्रिकेट पर लगने वाले सवाल समय के साथ बढ़ते जा रहे हैं। सीनियर क्रिकेट की सीरीज न हो पाएं तो सीनियर क्रिकेटरों को ज्यादा चिंता नहीं क्योंकि सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से अच्छा पैसा मिल ही जाएगा। भारत में घरेलू क्रिकेट में ऐसे सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट भी तो नहीं। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने सोचा पर वे भी अभी तक लागू नहीं कर पाए हैं।सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, ग्राउंड स्टाफ, अंपायर और स्कोरर जैसे भी हैं जो पूरी तरह होने वाली क्रिकेट पर निर्भर थे।छोटे छोटे ग्राउंड की देखभाल करने वाले तो और भी बुरी हालत में हैं।कोविड 19 के कारण जो क्रिकेट रुकी उसका असर बहुत नीचे तक आ रहा है।क्या इनकी किसी स्कीम में मदद कर पाएगा कोई ?
भारत के भूतपूर्व क्रिकेटर और कोच अंशुमन गायकवाड़ ने कहा – ‘ जो BCCI का पूरा ध्यान IPL पर होने की आलोचना कर रहे हैं , वे सही नहीं, क्योंकि देश में क्रिकेट का ढांचा चलाने के लिए IPL का पैसा आना बहुत ज़रूरी है। अब जबकि कुछ समय के लिए BCCI का ध्यान IPL से हटेगा तो वे ज़रूर घरेलू क्रिकेट के लिए भी कॉन्ट्रेक्ट के बारे में सोचेंगे।’ इंग्लैंड में ECB ने घरेलू क्रिकेट सीजन छोटा हो जाने के कारण ,जो इस पर ही निर्भर थे उनकी मदद के लिए काउंटी और क्लब को £61 मिलियन की ग्रांट दी।भारत में भी सभी ऐसी ही किसी मदद की उम्मीद कर रहे हैं।IPL का खेला जाना इसमें मददगार रहेगा।
– चरनपाल सिंह सोबती